चंडीगढ़ के अफसरों को खुली चेतावनी, इस फैसले पर हंगामा होगा... हर कुर्बानी दी जाएगी
People against crackers ban in Chandigarh
चंडीगढ़(साजन शर्मा): दरअसल, जिस फैसले पर चेतावनी और हंगामे की बात हो रही है वो चंडीगढ़ प्रशासन का पटाखों पर बैन लगाने का फैसला है| चंडीगढ़ में पटाखे बैन करने के प्रशासन के फैसले पर जबरदस्त ऐतराज हो रहा है| हिंदू संगठनों व भाजपा से जुड़े कई नेताओं के तेवर बड़े उग्र हैं। भाजपा सहित आम लोगों की दलील है कि केवल हिंदुओं के त्यौहारों पर ही प्रशासन क्यों कुठाराघात कर रहा है। लाखों लोगों की आस्थाओं से खेलने का अधिकार इन अफसरों को किसने दे दिया? इन अफसरों के नाक में क्या ज्यादा प्रदूषण और कानों में पटाखों की क्या ज्यादा आवाज गूंज रही है? लाखों-करोड़ों लोग अपने धार्मिक रीति रिवाजों से आस्था के पर्व दशहरा-दीवाली को मनाते हैं लेकिन प्रशासन के अफसर अब सीधे सीधे इसमें हस्तक्षेप कर रहे हैं।
पंजाब से भाजपा के वरिष्ठ नेता नीरज तायल अभिलाषी का कहना है कि चंडीगढ़ प्रशासन या इसमें बैठे अफसर यह न समझें की उनकी मनमानी चलेगी। दशहरा-दीवाली व अन्य पर्व हिंदू आस्थाओं से जुड़े पर्व हैं। हम अपनी संस्कृति और धर्म के लिए हर कुर्बानी देने को तैयार हैं। प्रशासन ने पटाखे बैन कर और एनजीटी के आदेशों का हवाला देकर जो हरकत की है, वह किसी तरह स्वीकार नहीं।
प्रशासन को हम चेतावनी देते हैं कि या तो पटाखों पर से लगाया बैन तुरंत प्रभाव से हटा दें अन्यथा, जल्द ही हिंदू समाज के लोग सडक़ों पर हजारों की तादाद में उतरकर प्रशासन के अफसरों के घरों के बाहर न केवल प्रदर्शन करेंगे बल्कि पटाखे भी चलाएंगे। फिर हिंदुओं पर जो चाहे वो कार्रवाई कर देना। नीरज तायल ने कहा कि मुहरर्म पर जब बकरे कटते हैं तो तब प्रदूषण नहीं होता। प्रशासन उस समय किसी तरह का बैन लगाने की कोशिश नहीं करता।
हिंदुओं के त्यौहारों को निशाना बनाने की साजिश चल रही है और चंडीगढ़ प्रशासन के कई अफसर इसमें शामिल हैं। अपनी निष्क्रियता को छुपाने के लिए ये अनर्गल फैसले लेते हैं। ये अफसर सीधे सीधे हिंदू धर्म में हस्तक्षेप कर रहे हैं। इन्हें किसने अधिकार दिया कि दीवाली या दशहरे पर कितनी बर्फी खानी है या कितने पटाखे चलाने हैं? यह सीधे सीधे हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं से खिलवाड़ है।
नीरज तायल अभिलाषी ने कहा कि वह जल्द ही चंडीगढ़ प्रशासन के इस फैसले के खिलाफ गृहमंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी लिखने जा रहे हैं। इन अफसरों के कानों में शायद पटाखों की ज्यादा आवाज गूंज रही है? इनकी नाकों में पटाखों का ज्यादा प्रदूषण पहुंच रहा है? उधर भाजपा के वरिष्ठ नेता, पूर्व अध्यक्ष व राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य संजय टंडन ने कहा है कि लोगों की आस्थाओं को ध्यान रखते हुए प्रशासन को अपने निर्णय पर दोबारा पुनर्विचार करना चाहिए।
ट्राईसिटी के पंचकूला व मोहाली प्रशासन की ओर से पटाखे चलाने पर इस तरह का कोई बैन नहीं लगाया गया है। चंडीगढ़ प्रशासन जनता के अनुरूप और उनकी भावनाओं को मद्देनजर रखते हुए दोबारा सोचे। शहर की कई संस्थाओं ने भी प्रशासन के फैसले के खिलाफ आवाज उठाई है। भाजपा के वरिष्ठ नेता व प्रवक्ता कैलाश जैन ने भी चंडीगढ़ प्रशासन को पटाखों पर लगाया प्रतिबंध हटाने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा है कि यह हिंदुओं की आस्थाओं को ध्यान रखते हुए फैसले पर पुनर्विचार किया जाए।